लेखनी कहानी -26-Feb-2022 जिंदगी एक जंग है #लेखनी ओपन माइक प्रतियोगिता
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जिंदगी एक जंग है, फिर भी एक उमंग है,
हर हाल में जिंदगी स्वीकार लो,
भावनाएं हो प्रबल,भेड़ चाल से संभल
भीड़ से स्वयं को निकाल लो,
सिंह की दहाड़ सी,मार्ग में पहाड़ सी
चुनौतियों को तुम स्वीकार लो,
सामना करो प्रबल,संकटों से तू संभल,
सूझ बूझता से हल निकाल लो,
न ह्रदय पे कोई भार हो,न कोई व्यभिचार हो,
आत्मा को अपनी निखार लो,
न शोक ना विलाप हो, सुकून हो आलाप हो,
वेदना ह्रदय की संभाल लो,
न स्वार्थ की हो कामना, निस्वार्थ सी हो भावना,
ह्रदय से द्वेष भाव को निकाल लो,
सदभावनाए हो प्रबल, कामनाएं हो सरल,
व्यक्तित्व स्वयं का तुम संवार लो,
संगीता वर्मा ✍️....💞
Abhinav ji
28-Apr-2022 09:35 PM
Very nice👍
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Neha syed
28-Apr-2022 08:12 PM
Nice 👍
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Anam ansari
28-Apr-2022 07:39 PM
अच्छा लिखा है
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